जशपुर, सामरी पाट प्रदेश
सूची
पाट ऊँचे पठारी क्षेत्र है, इनका किनारा तीव्र ढाल वाला है. वस्तुत: पाट एक उच्च समतलीय एवं पठारी स्थलाकृति है। छत्तीसगढ़ के उत्तर-पूर्व में स्थित यह क्षेत्र छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र का ही विस्तार है. यह बलरामपुर जिला, पूर्वी सरगुजा जिले के दक्षिणी अम्बिकापुर, सीतापुर, लुण्ड्रा तथा सामरी जशपुर जिले के बगीचा, जशपुर, कुनकुरी एवं पत्थलगाँव तहसीलों तक विस्तृत है। छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची चोटी गौरलाटा (1225 मी.) यहीं सामरीपाट में स्थित है.
पाट प्रदेश एवं पठार :
यह क्षेत्र समान ऊँचाई वाला पठारी क्षेत्र न होकर असमतल एवं असमान पहाड़ियाँ एवं पाट हैं. इस क्षेत्र में मैनपाट, जारंगपाट, सामरीपाट, जमीरापाट, जशपुरपाट, पंडरापाट एवं लहसन घाट स्थित है जो जशपुर, बलरामपुर, सरगुजा जिले में हैं. जशपुर पाट क्षेत्रफल में प्रदेश की सबसे बड़ी पाट भूमि है। छोटा नागपुर के पठार के कुछ क्षेत्रों का कटाव नहीं हुआ एवं ये पाट क्षेत्र शेष पठारी क्षेत्र से ऊँचे रह गये. मूलतः पाट क्षेत्र दक्कन ट्रेप का भाग है जिसकी ऊपरी सतह के घिसाव के कारण यहाँ लेटेराइट मिट्टी का जमाव पाया जाता है.
महत्वपूर्ण तथ्य
- इस प्रदेश की रचना अत्यंत प्राचीन शैलों से हुई है। यह क्षेत्र आर्कियन युग एवं गोंडवाना कल्प की चट्टानों से मुख्यत: बना है इसमें अंशत: धारवाड़ एवं गोंडवाना क्रम के शैल भी पाये जाते हैं
- अपवाह– इस प्रदेश में तीन नदी प्रणालियाँ हैं
- महानदी की शाखा ईब एवं मांड नदी- मांड मैनपाट से निकलती है, जो उत्तर से दक्षिण दिशा में बहती हुई रायगढ़ जिले में महानदी से मिलती है। ईब पंडरा पाट जशपुर तहसील से निकलकर ओडिशा में महानदी में मिल जाती है।
- ब्राह्मणी की शाखा शंख नदी
- सोन की शाखा कन्हार नदी (गंगा अपवाह तंत्र)
- जलवायु– यहाँ की जलवायु उष्णाई एवं शुष्क अर्थात् उष्णकटिबंधीय मानसूनी प्रकार की है। यहाँ वर्षा अधिक होती है। वनाच्छादित, पहाड़ियों वाला क्षेत्र होने के कारण यह अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है.
- पाट-पठार क्षेत्र प्रदेश के अपेक्षाकृत ठंडे क्षेत्र हैं, जशपुर, मैनपाट प्रदेश के न्यून तापमान वाले क्षेत्र हैं.
- मिट्टी यहाँ नदियों कछारों में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। मुख्यतः लाल-पीली तथा कुछ हिस्से में लाल-दोमट मिट्टी भी मिलती है।
- उपज व खनिज– जशपुर सामरी पाट प्रदेश के 35% भाग में कृषि की जाती है। कृषि में धान, मक्का, गेहूँ, चना, तुअर, तिलहन में तिल, सरसों, अलसी व मूंगफली उत्पादित की जाती है। यहाँ बॉक्साइट मुख्य खनिज है।
- उत्तरी क्षेत्र में मैदानी भागों को छोड़कर जनसंख्या घनत्व कम है. पाट, पहाड़ी क्षेत्रों की ज्यादातर जनसंख्या आदिवासियों की है.
- पठारी एवं पहाड़ी बनावट के कारण यहाँ कृषि विकास की संभावनाएँ अपेक्षाकृत सीमित है.
- जनसंख्या घनत्व कम है. पाट, पहाड़ी क्षेत्रों की ज्यादातर जनसंख्या आदिवासियों की है. नगरीकरण अत्यंत कम है, 2011 की जनगणना के अनुसार बलरामपुर प्रदेश का सबसे कम नगरीय जनसंख्या अनुपात वाला जिला था.
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