छत्तीसगढ़ के प्रमुख जलप्रपात

प्रमुख जलप्रपात

चित्रकूट जलप्रपात

भारत का नियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध इन्द्रावती नदी पर बस्तर जिले में जगदलपुर से 40 कि.मी. दूर स्थित यह देश का सबसे चौड़ा एवं सर्वाधिक जल राशि वाला जलप्रपात है. लगभग पौन किलोमीटर चौड़ाई की सतह से लगभग 90 फीट नीचे पानी प्रवाहित होता है. चित्रकोट, चितरकोट, चित्रकूट आदि इसके अन्य नाम हैं.

तीरथगढ़ जलप्रपात

जगदलपुर के निकट कांगेर घाटी क्षेत्र में, छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जलप्रपात (300 फीट), मुनगाबहार नदी पर स्थित हैं .

कांगेर धारा

नदी पर बस्तर जिले में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कांगेर नदी पर स्थित है. यही निकट ही भैसादरहा नामक स्थान पर प्राकृतिक रूप मगरमच्छ मिलते हैं.

सतधारा जलप्रपात

इन्द्रावती नदी पर बारसूर के समीप बोधघाटी पहाड़ी से गिरते हुये क्रमश: ‘बोधधारा’, ‘कपिलधारा’, ‘पाण्डवधारा’, ‘कृष्णधारा’, ‘शिवधारा’, ‘बाणधारा’ और ‘शिवचित्र धारा’ सात धाराएँ हैं. यह भेड़ाघाट से भी सुन्दर जलप्रपात माना जाता है.

चित्रधारा जलप्रपात

बस्तर जिले के करंजी के निकट चित्रधारा जलप्रपात है.

महादेवघूमर

बस्तर जिले के ग्राम मावलीभाठा के पुजारीपारा में स्थित है. इसका जल आगे कांगेर घाटी के कांगेर नदी में मिल जाता है.

मंडवा जलप्रपात

बस्तर का तोकापाल विकासखण्ड

गुप्तेश्वर जलप्रपात

बस्तर में शबरी या कोलाब नदी पर, माचकोट के तिरिया वन के निकट यह जलप्रपात स्थित है.

तामड़ा गुमड़

बस्तर जिले के माम के पास तामड़ा बहार नदी पर

रानीदरहा जलप्रपात

सुकमा जिले के कोंटा तहसील के विकासखण्ड ‘छिंदगढ़’ में ग्राम तालनार के पुजारी रास में यह दरहा है. यहाँ शबरी नदी का जल अत्यधिक गहराई के कारण ठहरा हुआ प्रतीत होता है।

मल्गेर इन्दुल

सुकमा जिले के मलगेर नदी पर स्थित है.

मेन्दरीघूमर / हाथी दरहा

चित्रकोट बारसूर मार्ग पर मटनार नाले पर

पुलपाड़ इन्दुल

दंतेवाड़ा-सुकमा मार्ग पर पुलपाड़ ग्राम की पहाड़ियों पर स्थित जलप्रपात

मिलकुलवाड़ा

हांदावाड़ा इन्दुल भी कहा जाता है, इंद्रावती नदी पर हान्दावाड़ा के निकट स्थित है.

मलाजकुण्डम

कांकेर जिले में यह जलप्रपात दूध नदी का उद्गम स्थल भी है.

चरें-मुर्रे जलप्रपात

नारायणपुर जिले में आमाबेड़ा-अन्तागढ़ वनमार्ग पर पिंजाड़िन घाटी में स्थित है.

खुरसेल झरना

नारायणपुर के खुरसेल घाटी में गुड़ाबेड़ा के निकट स्थित है.

बोग्तुम जलप्रपात

बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम के निकट पोड़सपल्ली ग्राम में स्थित

रक्सगण्डा प्रपात

सूरजपुर जिले के नवगई नामक स्थान के समीप रेंड नदी पर स्थित है.

कोठली जलप्रपात

बलरामपुर जिले के डीपाडीह के निकट कन्हार नदी में स्थित है.

अमृतधारा जलप्रपात

कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ तहसील के बरबसपुर नामक स्थान के पास हसदो नदी पर अमृतधारा जलप्रपात स्थित है. निकट ही तपसी बाबा का आश्रम है.

सरभंजा

मैनपाट में यह टाइगर हिल के पास है. जो कि इको प्वाइन्ट के रूप में प्रसिद्ध है.

केन्दई जलप्रपात

केन्दई नदी, कटघोरा से लगभग 50 किलोमीटर दूर कोरबा जिले में स्थित है.

रानीदाह जलप्रपात

जशपुर जिला, कहा जाता है कि ओडिशा की किसी रानी ने यहाँ कूदकर आत्महत्या की थी इसीलिए इसका नाम रानीदाह पड़ गया.

राजपुरी जलप्रपात

जशपुर के बगीचा से मात्र तीन कि.मी. दूर नाले पर आधारित है.

दमेरा जलप्रपात

जशपुर

छत्तीसगढ़ में इको टूरिज्म की संभावना

बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा, जगदलपुर के कांगेर घाटी तथा मुंगेली जिले के अचानकमार को पर्यावरण आधारित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. उदन्ती अभ्यारण्य गरियाबंद और ओडिशा की सीमा पर स्थित है यहाँ वन भैंसे बड़ी संख्या में हैं. गोमरदा अभ्यारण्य सारंगढ़-सरायपाली मार्ग पर स्थित है. बादलखोल अभ्यारण्य जशपुर वनमण्डल के अंतर्गत है. यह रायगढ़-जशपुर मार्ग पर स्थित है. सेमरसोत अभ्यारण्य बलरामपुर जि., सेमरसोत नदी बहने के कारण इसका नामकरण सेमरसोत पड़ा. भैसादरहा कांगेर राष्ट्रीय उद्यान में है.

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