राष्ट्रीय उद्यान
सूची
छत्तीसगढ़ में वन एवं जीवों के संरक्षण तथा प्रदेश की जैव-विविधता की सुनिश्चित करने हेतु 3 राष्ट्रीय उद्यान व 11 वन्य प्राणी अभ्यारण्य एवं 1 गेम सेंक्चुअरी है. प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्यों में शेर, बाघ, तेन्दूआ, जंगली भैंसा, बारहसिंगा, चीतल, मैना आदि वन्य जीव पाए जाते हैं.
गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व यह संजय राष्ट्रीय उद्यान का भाग था. जो 1981 में स्थापित हुआ था. राज्य गठन के उपरांत अलग करके छत्तीसगढ़ के क्षेत्र वाले राष्ट्रीय उद्यान का नाम गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रखा गया. 2002 में यह पृथक् किया गया. यह कोरिया, सूरजपुर जिले के 1441 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है. यह राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, तेंदुआ, नील गाय, गौर, चीतल, सांभर आदि पाए जाते हैं.
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
1982 में स्थापित, यह बस्तर जिले के 200 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है. इस राष्ट्रीय उद्यान में पहाड़ी मैना को संरक्षित किया गया है.
इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान
बीजापुर जिले में स्थित. 1975 में अभ्यारण्य घोषित, 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा, 1983 से प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल,
2009 में टाईगर रिजर्व का दर्जा. 1258 वर्ग कि. मी. कोर एरिया सहित इसका कुल क्षेत्रफल 2799 वर्ग कि.मी. है. इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, जंगली भैंसा, बारहसिंगा आदि वन्य जीव संरक्षित है,
इस उद्यान क्षेत्र में ही प्रदेश का एकमात्र गेम सेंक्चुअरी कुटरू में स्थित है..
टाईगर रिजर्व
इन्द्रावती टाईगर रिजर्व इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान, जि. बीजापुर, (1983 से प्रोजेक्ट टाईगर में शामिल 2009 से टाईगर रिजर्व) 2 उदन्ती सीतानदी टाईगर रिजर्व सीतानदी अभ्यारण्य जि. धमतरी एवं उदवी अभ्यारण्य
जि गरियाबंद को मिलाकर (2006 से प्रोजेक्ट टाईगर, 2009 से टाईगर रिजर्व) 3. अचानकमार टाईगर रिजर्व अचानकमार अभ्यारण्य जि. मुंगेली एवं जि. गौरेला-पेण्ड्रा
मरवाही (2006 से प्रोजेक्ट टाईगर, 2009 से टाईगर रिजर्व)
लेमरू हाथी रिजर्व
बादलखोल अभ्यारण्य, तमोरपिंगला अभ्यारण्य एवं सेमरसोत अभ्यारण्य के क्षेत्रों को मिलाकर 2011 में राज्य सरकार ने सरगुजा-जशपुर हाथी रिजर्व का गठन किया.
कोरबा के लेमरू क्षेत्र एवं जशपुर, बलरामपुर, सूरजपुर जिलों के बादलखोल-तमोरपिंगला क्षेत्र को भारत सरकार ने 2007 में प्रोजेक्ट एलीफेंट के लिए स्वीकृति दी थी किंतु लेमरू क्षेत्र में कोयला खदान के कारण वहाँ हाथी रिजर्व स्थापित नहीं किया जा सका.
हाल ही में शासन द्वारा कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ तथा सरगुजा वनमंडलों के क्षेत्रों को मिलाकर लेमरू हाथी रिजर्व स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है।
इसके अंतर्गत कुल 1995 वर्ग कि.मी. का क्षेत्र होगा.
छत्तीसगढ़ में कितने टाइगर रिज़र्व उद्यान होती हैं ? इस सवाल का जवाब लगभग आपको समझ आ गया होगा