राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013

(2013 का अधिनियम संख्यांक 20 )

(10 सितम्बर, 2013)

जनसाधारण को गरिमामय जीवन व्यतीत करने के लिए सस्ती कीमतों पर
पर्याप्त मात्रा में क्वालिटी खाय की सुलभ्यता को सुनिश्चित करके, मानव जीवन चक्र के
मार्ग में खाद्य और पोषण संबंधी सुरक्षा और उससे संबंधित या
उसके अनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम
भारत गणराज्य के चौंसठवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में अधिनियमित हो।

अध्याय-1
प्रारंभिक

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ

  1. इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 है।
  2. इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है।
  3. यह जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, तुरंत प्रवृत्त होगा।

2. परिभाषाएं

इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –

  1. “आंगनवाड़ी” से धारा 4, धारा 5 की उपधारा (1) के खंड (क) और धारा 6 के अंतर्गत आने वाली सेवाएं प्रदान करने के लिए केंद्रीय सरकार की एकीकृत बाल विकास सेवा स्कीम के अधीन गठित बाल देखरेख और विकास केन्द्र अभिप्रेत है।
  2. “केंद्रीय पूल” से खाधान्न का ऐसा स्टाक अभिप्रेत है, जो
    1. केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों द्वारा न्यूनतम समर्थन कीमत संक्रियाओं के माध्यम से उपाप्त किया जाता है
    2. लक्ष्यत सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्य कल्याणकारी स्कीमों, जिनके अन्तर्गत आपदा राहत भी है और ऐसी अन्य स्कीमों के अधीन आबंटनों के लिए रखा जाता है;
    3. उपखंड (2) में निर्दिष्ट स्कीमों के लिए आरक्षितियों के रूप में रखा जाता है;
  3. “पात्र गृहस्थी” से धारा 3 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट पूर्विकताप्राप्त गृहस्थी और अन्त्योदय अन्न योजना के अंतर्गत आने वाली गृहस्थियां अभिप्रेत है।
  4. “उचित दर दुकान” से ऐसी दुकान अभिप्रेत है, जिसे आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 के अधीन जारी किए गए किसी आदेश द्वारा राशन कार्ड धारकों को लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने के लिए अनुज्ञप्ति दी गई है।
  5. “खाधान्न” से चावल, गेहूं या मोटा अनाज या उनका कोई ऐसा संयोजन अभिप्रेत है, जो ऐसे क्वालिटी सन्नियमों के अनुरूप है, जो केंद्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर आदेश द्वारा अवधारित किए जाएं।
  6. “खाद्य सुरक्षा” से अध्याय 2 के अधीन विनिर्दिष्ट खाधान्न और भोजन की हकदार मात्रा का प्रदाय अभिप्रेत है।
  7. “खाद्य सुरक्षा भत्ता” से धारा 8 के अधीन हकदार व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकार द्वारा संवत्त की जाने वाली धनराशि अभिप्रेत है
  8. “स्थानीय प्राधिकारी” में पंचायत, नगरपालिका, जिला बोर्ड, छावनी बोर्ड, नगर योजना प्राधिकारी और असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड तथा त्रिपुरा राज्यों में जहाँ पंचायतें विद्यमान नहीं है, ग्राम परिषद् या समिति या ऐसा कोई अन्य निकाय, चाहे वह किसी भी नाम से ज्ञात हो, जो स्वशासन के लिए संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन प्राधिकृत है अथवा कोई अन्य ऐसा प्राधिकरण या निकाय सम्मिलित है, जिसमें किसी विनिर्दिष्ट स्थानीय क्षेत्र के भीतर नगर सेवाओं का नियंत्रण और प्रबंधन निहित है
  9. “भोजन” से गरम पकाया गया भोजन या खाने के लिए तैयार भोजन या घर ले जाने वाला राशन, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए, अभिप्रेत है
  10. “न्यूनतम समर्थन कीमत” से केंद्रीय सरकार द्वारा घोषित ऐसी सुनिश्चित कीमत अभिप्रेत है, जिस पर केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों तथा उनके अभिकरणों द्वारा केंद्रीय पूल के लिए किसानों से खाद्यान्न उपाप्त किया जाता है।
  11. “अधिसूचना” से इस अधिनियम के अधीन जारी की गई और राजपत्र में प्रकाशित कोई अधिसूचना अभिप्रेत है।
  12. “अन्य कल्याणकारी स्कीमों” से, लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अतिरिक्त, ऐसी सरकारी स्कीमें अभिप्रेत हैं, जिनके अधीन स्कीमों के भागरूप खाधान्न और भोजन प्रयास किए जाते हैं।
  13. “निःशक्त व्यक्ति” से निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 2 के खंड (न) में उस रूप में परिभाषित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है
  14. “पूर्विकताप्राप्त गृहस्थी” से धारा 10 के अधीन उस रूप में पहचान किए गए गृहस्थी अभिप्रेत है।
  15. “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है
  16. “राशन कार्ड” से लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन उचित दर दुकानों से आवश्यक वस्तुओं के क्रय के लिए राज्य सरकार के किसी आदेश या प्राधिकार के अधीन जारी किया गया कोई दस्तावेज अभिप्रेत है
  17. “ग्रामीण क्षेत्र” से तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन स्थापित या गठित किसी नगरीय स्थानीय निकाय या छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के सिवाय, किसी राज्य में, का कोई क्षेत्र अभिप्रेत है
  18. “अनुसूची’’ से इस अधिनियम से उपाबद्ध अनुसूची अभिप्रेत है;
  19. “वरिष्ठ नागरिक” से माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 2 के खंड (ज) के अधीन उस रूप में परिभाषित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है
  20. “सामाजिक संपरीक्षा” से ऐसी प्रक्रिया अभिप्रेत है, जिसमें जनता किसी कार्यक्रम या स्कीम की योजना और कार्यान्वयन को सामूहिक रूप से मानीटर और उसे मूल्यांकन करती है
  21. “राज्य आयोग” से धारा 16 के अधीन गठित राज्य खाद्य आयोग अभिप्रेत है
  22. “राज्य सरकार” से, किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में, संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीन नियुक्त उसका प्रशासक अभिप्रेत है;
  23. “लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली” से उचित दर दुकानों के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को आवश्यक वस्तुओं के वितरण की प्रणाली अभिप्रेत है;
  24. “सतर्कता समिति” से इस अधिनियम के अधीन सभी स्कीमों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करने के लिए धारा 29 के अधीन गठित कोई समिति अभिप्रेत है;
  25. उन शब्दों और पदों के, जो इसमें परिभाषित नहीं है, किंतु आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 या किसी अन्य सुसंगत अधिनियम में परिभाषित है, वही अर्थ होंगे, जो उन अधिनियमों में क्रमशः उनके हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 |अध्याय-2

छत्तीसगढ़ से जुड़े रोजगार समाचार के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल से