राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 |अध्याय-2

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 |अध्याय-2

अध्याय-2

खाद्य सुरक्षा के लिए उपबंध

3. लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन पात्र गृहस्थियों के व्यक्तियों द्वारा सहायताप्राप्त कीमतों पर खाधान्न प्राप्त करने का अधिकार

  1. उन पूर्विकताप्राप्त गृहस्थियों का जिनकी धारा 10 की उपधारा (1) के अधीन पहचान की गई है, प्रत्येक व्यक्ति, राज्य सरकार से लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन अनुसूची में विनिर्दिष्ट सहायता प्राप्त कीमतों पर प्रति मास प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त करने का हकदार होगा:
    परंतु अन्त्योदय अन्न योजना के अंतर्गत आने वाली गृहस्थियां, उस सीमा तक, जो केंद्रीय सरकार उक्त स्कीम में प्रत्येक राज्य के लिए विनिर्दिष्ट करे, अनुसूची में विनिर्दिष्ट कीमतों पर प्रति मास प्रति गृहस्थी पैंतीस किलोग्राम खाद्यान्न की हकदार होगी।
    परंतु यह भी कि यदि किसी राज्य का सामान्य लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आबंटन, गत तीन वर्षों के औसत वार्षिक उठाव से कम होगा तो उसे केन्द्र सरकार द्वारा निश्चित मूल्यों पर संरक्षित किया जावेगा तथा राज्यों को अनुसूची-4 में वर्णित अनुसार खाद्यान्न आबंटित किया जावेगा।
    स्पष्टीकरण: इस धारा के प्रयोजन के लिए “अन्त्योदय अन्न योजना” से केंद्रीय सरकार द्वारा 25 दिसंबर, 2000 को उक्त नाम से आरंभ की गर्द और समय-समय पर गया उपांतरित, स्कीम अभिप्रेत है।
  2. उपधारा (1) में निर्दिष्ट पात्र गृहस्थियों के व्यक्तियों की सहायता प्राप्त कीमतों पर इकदारियां ग्रामीण जनसंख्या के पचहत्तर प्रतिशत तक और नगरीय जनसंख्या के पचास प्रतिशत तक विस्तारित की जाएंगी।
  3. उपधारा (1) के अधीन रहते हुए, राज्य सरकार, पात्र गृहस्थियों के व्यक्तियों को ऐसे मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किए जाए, खाधान्न की हकदार मात्रा के बदले गेहूं आ आटा उपलब्ध करा सकेगी।

4. गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषाहार सहायता

ऐसी स्कीमों के अधीन रहते हुए जो केंद्रीय सरकार द्वारा विरचित की जाएं, प्रत्येक गर्भवती स्त्री और स्तनपान कराने वाली माता निम्नलिखित के लिए हकदार होगी,

(क) गर्भावस्था और शिशु जन्म के पश्चात् के छह मास के दौरान स्थानीय आंगनवाड़ी के माध्यम से निःशुल्क भोजन, जिससे अनुसूची 2 में विनिर्दिष्ट पोषाहार के मानकों को पूरा किया जा सके और

(ख) कम से कम छह हजार रुपए का ऐसी किस्तों में, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाएं,

प्रसूति फायदा:

परंतु केंद्रीय सरकार या राज्य सरकारों या पब्लिक सेक्टर उपक्रमों में नियमित रूप से नियोजित सभी गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली माताएं या वे स्त्रियां, जिन्हें तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन ऐसे ही फायदे मिल रहे हैं, खंड (ख) में विनिर्दिष्ट फायदों के लिए हकदार नहीं होगी।

5. बालकों को पोषणीय सहायता

(1) खंड (ख) में अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन रहते हुए चौदह वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बालक की, उसकी पोषणीय आवश्यकताओं के लिए निम्नलिखित हकदारियां होंगी,

(क) छम नास से छह वर्ष के आयु समूह के बालकों की दशा में स्थानीय आंगनवाड़ी के माध्यम से आयु के समुचित निःशुल्क भोजन, जिससे अनुसूची 2 में विनिर्दिष्ट पोषाहार के मानकों को पूरा किया जा सके

परंतु छह मास से कम आयु के बालकों के लिए, केवल स्तनपान को ही बढ़ावा दिया जाएगा:

(ख) कक्षा 8 तक के अथवा छह से चौदह वर्ष के आयु समूह के बीच के बालकों की दशा में, इनमें से जो लागू हो, स्थानीय निकायों, सरकार द्वारा चलाए जा रहे सभी विद्यालयों में और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में विद्यालय अवकाश दिनों को छोड़कर, प्रत्येक दिन निःशुल्क एक बार दोपहर का भोजन, जिससे अनुसूची 2 में विनिर्दिष्ट पोषाहार के मानकों को पूरा किया जा सके।

(2) उपधारा (1) के खंड (ख) में निर्दिष्ट प्रत्येक विद्यालय तथा आंगनवाड़ी में भोजन पकाने, पेयजल और स्वच्छता की सुविधाएं होगी:

परंतु नगरीय क्षेत्रों में, केंद्रीय सरकार द्वारा जारी किए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार, भोजन पकाने के लिए केंद्रीयकृत रसोईघरों की सुविधाओं का, जहां कहीं अपेक्षित हो, उपयोग किया जा सकेगा।

6. बालक कुपोषण (CHILD MALNUTRITION) का निवारण और प्रबंध

राज्य सरकार, स्थानीय आंगनवाड़ी के माध्यम से ऐसे बालकों की, जो कुपोषण से ग्रस्त है, पहचान करेगी और उनको निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराएगी, जिससे अनुसूची 2 में विनिर्दिष्ट पोषाहार के मानकों को पूरा किया जा सके।

7. हकदारियों के आपन (ENTITLEMENTS) के लिए स्कीमों का कार्यान्वयन

राज्य सरकारें, मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार, केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के बीच लागत में हिस्सा बंटाने सहित ऐसी स्कीमों का, जिनके अंतर्गत धारा 4, धारा 5 और धारा 6 के अधीन हकदारियां आती है, ऐसी रीति में कार्यान्वयन करेगी, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 |अध्याय-3

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