साल वृक्ष के नाम पर इस साल होगा इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का आयोजन

साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव का पांच दिवसीय आयोजन 28 अक्टूबर से एक नवम्बर तक

मुख्यमंत्री श्री बघेल की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में तैयार की गई आयोजन की रूपरेखा

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में इस साल आयोजित हाने वाले ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव के आयोजन की रूपरेखा तय की गई। राज्य शासन द्वारा ‘‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव‘‘ का संयुक्त रूप से पांच दिवसीय आयोजन 28 अक्टूबर से लेकर एक नवम्बर तक रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में किया जाएगा। 

     मुख्यमंत्री ने कहा कि साल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है। आदिवासी संस्कृति में साल वृक्ष की बड़ी महत्ता है। हमारे आदिवासी भाई साल वृक्ष को देवतुल्य मानते और पूजते हैं। आदिवासी अंचल में धूमधाम से मनाए जाने वाले सरहुल त्यौहार में साल वृक्ष की पूजा की जाती है। राजकीय वृक्ष एवं आदिवासी जनजीवन में साल वृक्ष की महत्ता को देखते हुए ट्राईबल फेस्टिवल का नामकरण ‘‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल‘‘ रखा जाना उपयुक्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल‘‘ के दौरान आदिवासियों की कला-संस्कृति, शिल्प, उनके सशक्तिकरण एवं विकास पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। 

     बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का आयोजन, 31 अक्टूबर को लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की शहादत दिवस पर उनके कर्तत्व तथा आदिवासी जनजीवन पर परिचर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध वक्ता एवं विचारक शामिल होंग।

एक नवम्बर को राज्य अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ख्याति प्राप्त लोगों एवं संस्थाओं को राज्य अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा। बैठक में साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त लोगों से इंटरेक्शन, प्रदर्शनी, आदिवासी कला-संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन, ट्राईबल क्राफ्ट मेला, कौशल उन्नयन सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। देश-विदेश के कलाकार इस दौरान अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगेे। 

      इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री डॉ. आलोक शुक्ला, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., सचिव वित्त श्रीमती अलरमेल मंगई डी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सचिव आदिम जाति कल्याण श्री डी.डी सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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देश के आज़ादी के पूर्व छत्तीसगढ़ में रियासत कितने थे? इस सवाल का जवाब लगभग आपको समझ आ गया होगा

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