छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी और उनके कार्य क्षेत्र

छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी और उनके कार्य क्षेत्र वर्ष के साथ:

  1. शंकर शाह – 1910
  2. वीर नारायण सिंह – 1910
  3. स्वर्णलाता डीसी राय – 1910
  4. पंडित रविशंकर शुक्ल – 1920
  5. सदानंद जीवनलाल कम्बले – 1920
  6. गणेश शंकर विद्यार्थी – 1920
  7. भगत सिंह ठाकुर – 1920
  8. सुखदेव भगत – 1930
  9. शंकर गुहा नायक – 1940
  10. विनायक दामोदर सावरकर – 1940

ये सभी क्रांतिकारी छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाये थे। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया था और अपनी जानों की भावना से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।

छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी ने अपने कार्य क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग प्रकार के संघर्ष किए थे। कुछ ने सत्याग्रह आंदोलन का संचालन किया, जबकि कुछ ने भीड़ और हिंसा को चुना था। ये क्रांतिकारी विभिन्न समाजी विषयों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए जाने जाते थे।

शंकर शाह, वीर नारायण सिंह देवगन और स्वर्णलाता डीसी राय ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन चलाया था। पंडित रविशंकर शुक्ल और सदानंद जीवनलाल कम्बले ने आर्य समाज के उद्देश्यों के लिए संघर्ष किया था। भगत सिंह ठाकुर और सुखदेव भगत ने भारतीय स्वतंत्रता सेना के साथ जुड़कर ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया था।

शंकर गुहा नायक ने आदिवासी समुदायों के लिए लड़ाई लड़ी थी जो उनके स्थानीय अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रहे थे। विनायक दामोदर सावरकर ने हिंदुत्व आंदोलन के बारे में अपने विचार जाहिर किए और उसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ाई लड़ी।

जयप्रकाश नारायण सिंह द्वारा आवश्यक सुधारों के लिए लड़ाई लड़ी गई थी, जिनमें किसानों के अधिकारों का उन्नयन शामिल था। गोंडवाना के मुक्तिदूत कोर्बा ने गोंडवाना के लोगों के हितों के लिए लड़ाई लड़ी।

छत्तीसगढ़ में क्रांतिकारी आंदोलन का सबसे महत्वपूर्ण स्थान बस्तर है, जहां 1980 के दशक से नक्सली गतिविधियों ने चरम सीमा तक ऊंचाई प्राप्त की।

इन सभी क्रांतिकारियों के संघर्ष ने छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

छत्तीसगढ़ के कुछ अन्य प्रमुख क्रांतिकारी आंदोलन निम्नलिखित हैं।

  • तेलगु कृषिविद्यालय हमला (1979): इस आंदोलन के दौरान तेलगु कृषिविद्यालय के छात्र और दो नक्सली संगठनों के सदस्यों के बीच झड़प हुई थी। यह हमला छत्तीसगढ़ में नक्सली आंदोलन का आरंभ था।
  • कबड़ी की लड़ाई (1990-1991): इस आंदोलन में कबड़ी वाले लोगों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। इस आंदोलन के दौरान लगभग 200 लोगों की मौत हुई थी।
  • नक्सली आंदोलन (2004-वर्तमान): नक्सली आंदोलन ने छत्तीसगढ़ में गहरे इम्पैक्ट को हासिल किया है। इस आंदोलन के दौरान नक्सली संगठनों ने सैन्य और पुलिस पर हमले किए हैं और भारत के सुरक्षा बलों के साथ-साथ नक्सली संगठनों के सदस्यों की भी मौत हुई है।

छत्तीसगढ़ का क्रांतिकारी इतिहास बहुत समृद्ध है और अनेक लोगों ने इसके लिए अपनी जान दी है। इसमें बहुत से सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक आंदोलन शामिल हैं। निम्नलिखित हैं छत्तीसगढ़ के कुछ प्रमुख क्रांतिकारी और उनके आंदोलनों के बारे में:

  • शंकर गुहा नियोजन आंदोलन (1940-1950): शंकर गुहा नियोजन आंदोलन छत्तीसगढ़ में पेशेवर वर्गों के तबके के लोगों द्वारा चलाया गया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य लोगों को वन और वन्य जीवन संसाधनों के बारे में जागरूक करना था।
  • काख नदी आंदोलन (1970-1972): काख नदी आंदोलन छत्तीसगढ़ में नदियों के बांधों और विद्युत उत्पादन के खिलाफ एक आंदोलन था। इस आंदोलन के दौरान दो लोगों की मौत हुई थी।
  • छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (1980-1985): छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ में त्रिपुरा, असम, मेघालय और नागालैंड से आए लोगों द्वारा चलाया गया था।
  • छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (1980-1985): छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ में त्रिपुरा, असम, मेघालय और नागालैंड से आए लोगों द्वारा चलाया गया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में अलगाववाद को बढ़ावा देना था।
  • सलेगांव आंदोलन (1990): सलेगांव आंदोलन छत्तीसगढ़ में महिलाओं द्वारा चलाया गया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था महिलाओं के अधिकारों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाना।
  • बसगांव संघर्ष (1997): बसगांव संघर्ष छत्तीसगढ़ में एक आंदोलन था जो भूमि के अधिकार और जंगल के संरक्षण के खिलाफ लड़ा जाता था।
  • छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आंदोलन (2021): छत्तीसगढ़ में 2021 में उद्धव ठाकरे के बयान के खिलाफ एक आंदोलन था जिसमें बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके विरोध में विरोध प्रदर्शन किया था।

छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी ने अपने जीवन के साथ-साथ

अपने देश के लिए जीवन का अर्पण किया। वे भारत की आज़ादी और स्वाधीनता के लिए लड़े और अपने जीवन का बलिदान दिया। उनमें से कुछ महापुरुषों के नाम इस प्रकार हैं:

  • वीर नरेंद्र नाथ: वीर नरेंद्र नाथ छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।
  • शंकर गुहा नायक: शंकर गुहा नायक एक बड़े क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। उन्होंने नागरिक अस्पताल चलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
  • दुष्यंत कुमार: दुष्यंत कुमार एक जनता क्रांतिकारी थे जो छत्तीसगढ़ में अलगाववाद के लिए लड़ा था। उन्होंने छत्तीसगढ़ में आदिवासी क्षेत्रों में समाज सुधार के लिए काम किया।
  • शंकर दायल शर्मा: शंकर दायल शर्मा भारत के महान क्रांतिकारी थे जो नागालैंड, मेघालय और असम में स्वाधीनता संग्राम में शामिल हुए थे। वे अपनी जान देश के लिए समर्पित करने के लिए अनगिनत संघर्षों में भाग लिए थे।
  • शंकर दायल शर्मा और दुष्यंत कुमार दोनों के नाम छत्तीसगढ़ में उनके समर्थकों द्वारा स्मरण योग्य बनाया जाता है।
  • इस तरह से, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के दौरान अनेक क्रांतिकारी अपने जीवन का बलिदान देकर इस राज्य के विकास में अहम योगदान दिया। उनकी संघर्ष और त्याग की उपलब्धियों का लाभ आज भी छत्तीसगढ़ की जनता को मिलता है।