छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल | Chhattisgarh Traditional Sports
सूची
ऋतु आधारित खेल
- वर्षा ऋतु के खेल – गेंडी, कोंटुल, घरघुंदिया, बांटी
- शीत ऋतु के खेल – उलानबांटी, रस्सी कूद, अल्लग कूद, भौरा, चूड़ी लुकउल
- ग्रीष्म ऋतु के खेल – पखरातूक, गोटा, गिल्ली डंडा, अट्ठा-पंजा, चूड़ी बिनउल
पर्व आधारित खेल
- नारियल फेंक – हरेली
- कुश्ती – नाग पंचमी
- बईला दौड़ – पोरा या पोला
- पुतरा- पुतरी – अक्ती (बैसाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया)
- गेड़ी – हरेली
विविध लोकप्रिय खेल
- गीली मिट्टी से संबंधित – फोदा, घरघुंदिया
- बांटी से संबंधित – कच्ची-पक्की, दस-बीस, पंचडुबिया
- घेरा बांटी, कोत- कोत बांटी के खेल
- चूड़ी से संबंधित – चूड़ी बिनउल, चूड़ी लुकउल
- भौरा से संबंधित – सरगुजा क्षेत्र में लट्टू, भुन्नाटी
- बिल्लस से संबंधित – छप्पर में लगने वाले खपरा के छोटे से टुकड़े या मिट्टी के बर्तन के टुकड़े से
- चौसर और अट्ठा पंजा – इन दोनों सामूहिक खेलों में जुआ के लक्षण विद्यमान है
- गेंद से संबंधित – गिदी गादा, पिठुल
- पेड़ के फ्तों से संबंधित – फिलफिली (फिरकी), पानालरी, तुतरू
- गोटी से संबंधित- गोटीमार, टिप्पा, भोटकूल
- अंक से संबंधित – चोर-सिपाही, जोड़उल
पुरुष प्रधान खेल
भौरा, गिल्ली डंडा, बांटी, चौसर, गेंडी, कुश्ती
नारी प्रधान खेल
फुगड़ी, घरघुंदिया, चूड़ी बिनउल, चूड़ी लुकउल, बिल्लस, रस्सी कूद, लंगरची, सगा-पहुना
अन्य सामूहिक खेल
नदी पहार, आंधी चपाटी, घाम-छांव, बघुवा, छिपी), डांडी पौहा पोसम-पा, घान्दी-मुन्दी, अटकन-मटकन, केऊ मेऊ मॅकरा रेसटीप (लुका छिपी) डाडी पौहा
गीत प्रधान लोकखेल
- पोसम – पा, घांदी-मुंदी, अटकन-बटकन, केऊ-मेऊ मेकरा के जाला, गोल गोल रानी
- फुगड़ी – नारी खेलों में सर्वप्रमुख, फुगड़ी नाबालिग लड़कियाँ खेलती हैं। यह गीतिक खेल है।
- खुडुवा – कबड्डी की तरह का खेल
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