छत्तीसगढ़ की सरकारी योजना

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अनेक योजनाएं (cg government schemes)

छत्तीसगढ़ समसामयिकी

चिराग परियोजना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में चिराग परियोजना का शुभारंभ किया। चिराग परियोजना छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग सहित 14 जिलों में लागू की जाएगी । इस परियोजना में विश्व बैंक से 1735 करोड़ रुपए की सहायता ली जाएगी।

  • किसानों की आमदनी के अवसरों को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना, क्षेत्र की जलवायु पर आधारित पोषण-उत्पादन प्रणाली विकसित करना, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की कार्यप्रणाली का विकास करना है।
  • इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के नये और विकसित तौर तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी ने वित्तीय सहायता दी है।
  • विश्व बैंक द्वारा 730 करोड़ रुपए, आईएफएडी द्वारा 486.69 करोड़ रुपए की सहायता इस परियोजना के लिए दी गई है।
  • राज्य सरकार ने इस परियोजना की कुल राशि में 30 प्रतिशत राशि, 518.68 करोड़ रुपये अपने राजकीय कोष से उपलब्ध कराए हैं।
  • चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मुंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा जिलों 4 के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाएगा।
  • बस्तर अंचल में खेती-किसानी को समृद्ध और लाभदायी बनाने में मदद मिलेगी और बस्तर अंचल के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती की ओर अग्रसर होंगे। इससे उनकी माली हालात बेहतर होगी और उनके जीवन में खुशहाली का एक नया दौर शुरू होगा।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए हाफ बिजली बिल स्कीम

राज्य शासन द्वारा वर्ष 2019-20 में सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 01 मार्च 2019 से प्रतिमाह खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली के खपत पर बिल की राशि में आधी राशि की छूट देकर बिल जारी किया जा रहा है।

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बी.पी.एल. कनेक्शन ( एकल बत्ती)

गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों को बी.पी.एल. (एकलक्ती) कनेक्शन की सुविधा प्रदान की गई है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध करायी जा रही है, जिसके अन्तर्गत उपभोक्ता की प्रारंभिक 30 यूनिट की खपत पर कोई शुल्क नहीं है।

इसका भुगतान राज्य सरकार करती है। योजना का विस्तार करते हुए अगस्त 2018 से कमजोर आय वर्ग को रू. 100 मासिक की दर से फ्लेट रेट पर बिजली उपलब्ध करायी जा रही है।

सितम्बर 2019 की स्थिति में कुल बीपीएल कनेक्शन की संख्या 19,77,840 (सौभाग्य योजना के तहत् दी गई बीपीएल कनेक्शन भी सम्मिलित) है।

मुख्यमंत्री एल.ई.डी. लैम्प वितरण योजना

राज्य में BPL एवं APL विद्युत उपभोक्ताओं को 9 वाट के L.E.D. लैम्प वितरण योजना का क्रियान्वयन एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (EESL) द्वारा CSPDCL के सहयोग से किया जा रहा है। योजना का आरंभ मार्च 2016 में राजनांदगांव से किया गया।

मुख्यमंत्री ऊर्जा प्रवाह योजना

प्रदेश की विद्युत अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाने हेतु इस योजना के अंतर्गत 204 नये उपकेन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है।

कृषक जीवन ज्योति योजना

2 अक्टूबर 2009 से लागू, इस योजना के अंतर्गत पात्र कृषकों को 3 अश्वशक्ति तक कृषि पम्प के बिजली बिल में 6000 यूनिट प्रति वर्ष एवं 3 से 5 अश्वशक्ति के कृषि पम्प के बिजली बिल में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट दी जा रही है।

फ्लेट रेट का विकल्प चुनने वाले कृषकों को मात्र 100 रू. प्रतिमाह प्रति अश्व शक्ति की दर बिजली बिल का भुगतान करना होगा।

किसानों को 5 अश्व शक्ति तक द्वितीय पम्प के लिए रू. 200 अश्व शक्ति प्रतिमाह की दर से बिल भुगतान हेतु सुविधा प्रदान की गई है।

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

उक्त परियोजनांतर्गत फीडर पृथक्करण तथा वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

इसके अंतर्गत बच्चों एवं बालिकाओं महिलाओं के लिए कुपोषण तथा एनीमिया से मुक्ति का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही स्थानीय पोषक आहारों को प्राथमिकता दिया गया है:

  • प्रारंभ तिथि- 2 अक्टूबर एवं स्थान- बस्तर
  • 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों, 15 से 49 वर्ष तक की बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए
  • कुपोषण तथा एनीमिया मुक्ति का लक्ष्य
  • स्थानीय पोषक आहारों को प्राथमिकता
  • आयरन, कृमिनाशक दवाएं
  • फल, दूध, अंडा, सोयाबड़ी, लड्डू, भाजी आदि वैकल्पिक पौष्टिक आहार आंगनबाड़ी, स्कूल के अलावा पहुंच के स्थानों पर जिला प्रशासन द्वार चिन्हित वितरण केन्द्र

सामुदायिक चेतना व जवाबदेह प्रशासन

छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस

इसके अंतर्गत बच्चों एवं बालिकाओं महिलाओं के लिए कुपोषण तथा एनीमिया से मुक्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल, बीपीएल को छठवें सदस्य से प्रति किलो अतिरिक्त चावल, एपीएल परिवारों को भी मिलेगा 10 रूपए किलो चावल वितरण एवं शहरी गरीबों को भी मिट्टी का तेल उपलब्ध करायी जायेगी।

  • प्रारंभ तिथि- 2 अक्टूबर एवं स्थान- बस्तर
  • प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल देने का वादा निभाया
  • एपीएल परिवारों को भी 10 रू. किलो में चावल वितरण हेतु राशन कार्ड का वितरण प्रारंभ
  • गांवों की तरह शहरी गरीबों को मिट्टी तेल उपलब्धता
  • आदिवासी अंचलों में नमक, प्रोटीनयुक्त पोषण हेतु चना, बस्तर में देंगे 2 किलो गुड़

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना

इसके अंतर्गत दूरस्थ अंचलों, विशेषकर आदिवासी अंचलों में अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

  • प्रारंभ तिथि- 2 अक्टूबर एवं स्थान- बस्तर
  • साथ ही साप्ताहिक हाट-बाजारों में नियमित स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार एवं दवाएं उपलब्ध करायी जायेगी।
  • बस्तर से शुरू योजना का विस्तार पूरे प्रदेश में
  • दूरस्थ अंचलों विशेषकर आदिवासी अंचलों में अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य मरीजों को हाट बाजार क्लीनिक तक लाने हेतु मितानिन व आरएचओ को निर्देश
  • साप्ताहित हाट-बाजारों में नियमित स्वास्थ्य सुविधाएं जांच, उपचार एवं दवाएं
  • महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु गोपनीयता सुनिश्चित करने की व्यवस्था
  • गंभीर मरीजों को बड़े केन्द्रों में भेजने की सुविधा
  • स्थानीय भाषा में प्रचार-प्रसार
  • चलित इकाईयों तथा पोर्टेबल मशीनों का उपयोग

गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़

यह एक बहुआयामी योजना है। जिसमें राज्य सरकार द्वारा पशुधन का उपयोग कर कृषि एवं पशुपालन आश्रितों को लाभ मिलेगा। साथ ही, छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव जायेगा।

  • प्रारंभ तिथि- 21 जुलाई 2020
  • स्थान- हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री निवास पर

उद्देश्य

  • गोधन न्याय योजना से पशुपालकों एवं पशुधन को बढ़ावा देना है। जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पशुपालकों से 2 रूपये किलो की दर से गोबर की खरीदेगी। जिससे जैविक खाद तैयार कर वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जायेगा जिसका संचालन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जायेगा।
  • इसका लाभ पशुपालकों को अपना आवेदन (रजिस्ट्रेशन) करना होगा। जिसमें कार्ड भी जारी किया जायेगा, ग्राम संचालित गोठान समिति द्वारा उनके नामित समूहों द्वारा घर-घन जाकर गोबर का संग्रहण किया जायेगा।
  • गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीद छत्तीसगढ़ पहला राज्य बन गया है। अब तक छत्तीसगढ़ में 5320 गोठानों की स्वीकृति प्राप्त की गई। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 2410 एवं शहरी क्षेत्रों की 380 गोठान का निर्माण किया जा चुका है। इन गोठानों के द्वारा पशुपालकों से गोबर खरीदी जायेगी।

छत्तीसगढ़ में अनेक योजनाये चल रही हैं ? जवाब लगभग आपको समझ आ गया होगा

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